एक कहानी - पापा आई लव यू !

एक कहानी - पापा आई लव यू !

एक मेहनती और ईमानदार नौजवान बहुत पैसे कमाना चाहता था , क्योंकि वह गरीब था और बदहाली में जी रहा था

उसका सपना था कि वह मेहनत करके खूब पैसे कमाये और एक दिन अपने पैसे से एक कार खरीदे

जब भी वह कोई कार देखता तो उसे अपनी कार खरीदने का मन करता कुछ साल बाद उसकी अच्छी नौकरी लग गई

उसकी शादी भी हो गई और कुछ वर्षों में वह एक बेटे का पिता बन गया सबकुछ ठीक चल रहा था , मगर फिर भी उसे एक दुख सताता था कि उसके पास उसकी अपनी कार नहीं थी

धीरे - धीरे उसने पैसे जोड़कर एक कार खरीदी

अपनी कार का उसका सपना अब पूरा हो गया था जिससे वह बहुत खुश था वह कार की अच्छी तरह देखभाल करता था और उसमें शान से घूमता था एक दिन रविवार को वह कार को रगड़ - रगड़ कर धो रहा था

यहाँ तक कि गाड़ी के टायरों को भी चमका रहा था उसका पाँच वर्षीय बेटा भी उसके साथ था बेटा भी पिता के आगे - पीछे घूम - घूम कर कार को साफ होते देख रहा था

कार धोते - धोते अचानक उसने देखा कि बेटा कार के बोनट पर किसी चीज से खुरच - खुरचकर कुछ लिख रहा था यह देखते ही उसे बहुत गुस्सा आया वह अपने बेटे को पीटने लगा

उसने उसे इतनी जोर से पीटा कि बेटे के हाथ की अंगुली ही टूट गई दरअसल उसे अपनी कार बहुत प्रिय थी और वह बेटे को इस शरारत को बर्दाश्त नहीं कर सका

बाद में जब उसका गुस्सा थोड़ा शान्त हुआ तो उसने सोचा कि जाकर देखू कि कार में कितनी खरोंच लगी है कार के पास जाकर देखने पर उसके होश उड़ गये

उसे खुद पर बहुत गुस्सा आया वह फूट - फूट कर रोने लगा कार पर उसके बेटे ने खुरच कर लिखा था - पापा , आई लव यू !

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