हम स्वतंत्र होना चाहते हैं | We want to be independent

हम स्वतंत्र होना चाहते हैं


आप कभी - कभी यह सोचते होंगे कि कितना अच्छा होता यदि आपको अपने ढंग से जीने के लिए स्वतन्त्र छोड़ दिया जाता ।
जब कभी आपको कोई टोकता है , तो आपको बुरा लगता होगा ।
आप शायद नाराज भी होते होंगे उस पर आप पर किसी तरह का बंधन न होता , तो आप अपनी मर्जी के मालिक होते । जैसा आप चाहते हैं वैसा आप कर पाते ।
जहाँ घूमना फिरना चाहते , अपनी इच्छा के अनुसार कर पाते । लेकिन आप यह भी जानते हैं , कि कुछ पाने के लिए मेहनत आवश्यक है , कुछ बनने के लिए अनुशासन जरूरी है ।
आज जिसे आप आजादी समझ रहे हैं , वह कल अनुशासन के अभाव में बंधन बन सकती है । किसी भी व्यक्ति के लिए आजादी के क्या मायने होते हैं ?
हम सब स्वतन्त्र भारत के स्वतन्त्र नागरिक हैं । स्वतन्त्रता हमारा मूल अधिकार है इसलिए वचन भी हमें यही बताता है कि
“ यदि तुम सत्य को पहचान जाओगे तो सत्य तुम्हें स्वतन्त्र बना देगा ।इसलिए यदि पुत्र तुम्हें स्वतन्त्र बना देगा तो तुम सचमुच स्वतन्त्र होगे "( योहन 8 : 32 , 36 ) ।
आजादी मनमर्जी करने के लिए नहीं बल्कि सच्चाई के मार्ग पर चलते हुए अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए है ।
ईश्वर भी चाहते हैं कि हर एक मनुष्य खुश रहे और हर एक व्यक्ति की चाहत भी यही है कि वह खुश रहें और खुशी तब मिलती है जब हम स्वतन्त्र रूप से अपने जीवन को जियें , ईश्वर पर भरोसा रखते हुए जीवन को आगे बढ़ाना ही सम्पूर्ण जीवन है ।
खुशियों से भरा हुआ जीवन वह है जो सम्पूर्ण स्वतन्त्रता से अपने अन्दर की कमियों को स्वीकारे ,
दूसरों की कमियों को स्वीकारे और समाज के अन्दर की कमियों को स्वीकारे प्रभु भी चाहते हैं कि हम सम्पूर्ण जीवन जियें और जीवन में आगे बढ़ उस सच्ची आजादी को अनुभव करें ।

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