दिखावा या चढ़ावा | Show off

दिखावा या चढ़ावा | Show off


हम चर्च क्यों जाते हैं ? प्रार्थना करने और अपने दःख दर्द प्रभु को समर्पित करके प्रभ से कुछ माँगने , है ना ?
कुछ लोग अपनी पायी हुई आशीष के लिए धन्यवाद देने के लिए भी जाते हैं । बहुत अच्छी बात है ।
मगर हमें दिखावा करने के लिए नहा जाना चाहिए । प्रभु को पूरा आदर - सम्मान देने और अपने को पूर्ण रूप से बलि चढ़ाने हेतु जाना चाहिए ।
जब हम किसी के घर पर दावत पर बलाये जाते हैं तो खाली हाथ जाना पसन्द नहीं करते हैं तो फिर प्रभ के मन्दिर में खाली हाथ कैसे जा सकते है ?
कई लोग चर्च में चढ़ावा लाते हैं पर कुछ लोग दिखावे के लिए लाते हैं । ऐसा ही हआ एक चर्च में । एक बहुत ही आकर्षक पैकिंग में एक रस्क का पैकेट मिला जो बहुत ही पुराना था ।
जिसने भी दिया होगा पैसों से ही खरीदा होगा पर वह बेकार था । सोचिए , प्रभु को हम खराब चीज कैसे दे सकते हैं ? लेकिन हआ ।
जब हम परोहित को भेंट देते हैं तो मानो उसे प्रभ को ही देते इसलिए उपयक्त चढावा चढायें । पहले पता कर लें कि चर्च में किस चीज की जरूरत है वह खरीद कर दें ।
यदि कछ समझ न आये तो अपनी स्थिति के अनुसार चन्दा दे दें । " दो और तुम्हें भी दिया जायेगा ।
दबा - दबा कर , हिला - हिला कर , भरी हुई , ऊपर उठी हुई , पूरी की पूरी नाप तुम्हारी गोद में डाली जायेगी क्योंकि जिस नाप से तुम नापते हो , उसी से तुम्हारे लिए भी नापा जायेगा ” ( लूकस 6 : 38 )।
चढ़ावा जो भी दो केवल अपने स्वर्गीय पिता को दिखाने के लिए दो । गुप्त रूप से । इसलिए लिखा है कि इस प्रकार दो कि हमारा बायाँ हाथ न जान पायें कि हमारे दायें हाथ ने क्या दिया । अपने को शुद्ध हृदय से बलि वेदी में समर्पित करो ।
मिस्सा और बलिदान में सर्वशक्तिमान के सामने भय - भक्ति के साथ शामिल होकर आशीष पाने की कोशिश करो ।


“We Want To be Independent” What does jesus christ tell us.


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